[१]
ओढ़ाती है दुपट्टा
रत्ती भर इज्जत को
पानी से पर्दा रखती है
बंद गुसलखाने में
डर डर कर नहाती है
अच्छी लड़की|
[२]
फब्तियां और फितरे
डराते नहीं हैं मगर
शरीर की कैद में
दम तोड़ देती है इज्जत
चुप रहती है
अच्छी लड़की|
[३]
सड़क किनारे मूतते मर्द
माँ बहन पड़ोसन
रण्डीखाने में ढूंढते हैं
जिसे नहीं पाते वहाँ
चस्पा देते है तमगा –
अच्छी लड़की|